धूमधाम और पारंपरिक रंगों में डूबा विश्व आदिवासी दिवस उत्सव
विंढमगंज (सोनभद्र)।
सुग्वामान केवाल में विश्व आदिवासी दिवस बड़े ही उत्साह और पारंपरिक अंदाज़ में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा साहब भीमराव आंबेडकर,रानी दुर्गावती वीरांगना, सावित्रीबाई फुले और बिरसा मुंडा के चित्रों पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर हुआ। अतिथियों का स्वागत कुमकुम तिलक और पगड़ी पहनाकर किया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे एडवोकेट संतोष सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आदिवासी समाज आदिकाल से प्रकृति पूजक रहा है—जीव-जंतु, पर्वत, नदियां और खेतों तक को जीवन मानकर उनकी पूजा करता है। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी शिक्षा, खेल और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान स्थापित कर रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता असर्फी लाल गोंड व अतिथियों के संबोधन के बाद डिजे पर बजती पारंपरिक धुनों के साथ भव्य बाइक और कार रैली निकाली गई, जो केवाल, भरत मोड़, मेदनीखाड, मुडीसेमर, विंढमगंज बाजार होते हुए दुद्धी टाउन खेल मैदान में पहुंची। पूरे रास्ते लोग नाचते-गाते जश्न में शामिल हुए।कार्यक्रम में समाजसेवी संजय गोंड धुर्वे द्वारा प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई, जिसमें हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। मंच पर दुद्धी नगर पंचायत अध्यक्ष कमलेश मोहन, श्रवण गोंड समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने विचार साझा किए।समापन अवसर पर ग्राम प्रधान केवाल दिनेश यादव, राजेश रावत, सुरेंद्र पासवान, ओम रावत, राकेश पासवान, संतोष गोंड, बिनोद सिंह आयाम, असर्फी लाल पोता, राजेंद्र प्रसाद मरकाम, विजय सिंह ओइके, एडवोकेट जीतेंद्र कुमार, रामविचार गौतम संदिप भारती,संजय गुप्ता,डॉ मनोज जय प्रकाश, मो. वकील अहमद,रजनीश समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।