संतोषी माता मंदिर का सौंदर्यीकरण: ग्रामीण आस्था को मिली नई संजीवनी

संतोषी माता मंदिर का सौंदर्यीकरण: ग्रामीण आस्था को मिली नई संजीवनी

ओम प्रकाश रावत विंढमगंज

विंढमगंज, सोनभद्र।

थाना क्षेत्र के सलैयाडीह गांव में स्थित ऐतिहासिक संतोषी माता मंदिर का पुनः सौंदर्यीकरण कार्य ग्रामवासियों और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि श्री किशु सिंह के सहयोग से अंतिम चरण में है। यह मंदिर वर्ष 1980 में सिंचाई विभाग द्वारा स्थानीय जनभावनाओं को देखते हुए निर्मित किया गया था, जो लंबे समय तक ग्रामीण आस्था का केंद्र बना रहा।

हर शुक्रवार और विशेष पर्वों पर यहां सैकड़ों श्रद्धालु माता की पूजा-अर्चना कर मनोकामनाएं व्यक्त करते थे। परंतु समय के साथ देखरेख के अभाव में मंदिर की स्थिति अत्यंत जर्जर हो गई थी — दीवारों में दरारें, छत से पानी का रिसाव, और चारों ओर उगे झाड़-झंखाड़ के कारण श्रद्धालुओं का आवागमन लगभग बंद हो गया था।सामूहिक सहयोग से पुनरुद्धार की पहल इस स्थिति को देखकर श्री किशु सिंह ने ग्रामीणों के सहयोग से मंदिर के मरम्मत, रंग-रोगन, सफाई और जल सुविधा हेतु चापाकल लगाने जैसे कार्य प्रारंभ करवाए।

कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और ग्रामीणों में फिर से आस्था और उत्साह का संचार हुआ है।स्थानीय निवासी श्री प्रकाश सिंह ने बताया:

यह मंदिर हमारे पुरखों की परंपरा और आस्था का प्रतीक है। जब यह 1980 में बना था, तब से यहां पूजा-अर्चना होती रही है। आज इसका पुनः जीर्णोद्धार हम सभी के लिए अत्यंत गर्व और संतोष की बात है।” धार्मिक गतिविधियों को मिलेगा नया आधार मंदिर का कायाकल्प होते ही यहां पुनः साप्ताहिक पूजा, भजन-कीर्तन, और विशेष पर्व आयोजन शुरू होने की उम्मीद है। गांव के बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक सभी इस प्रयास में भागीदार बनकर इसे एक सामूहिक जनआंदोलन का स्वरूप दे रहे हैं।यह पहल न केवल एक मंदिर के जीर्णोद्धार की कहानी है, बल्कि यह गांव की एकजुटता, जनसहयोग और लोक-आस्था की जीवंत मिसाल भी है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version