कमीशनखोरी बंद न हुई तो समाजसेवी श्याम नारायण त्रिपाठी करेंगे आंदोलन
कोन थाना क्षेत्र के समस्त ग्राम प्रधान को ग्राम विकास अधिकारी द्वारा दिनांक 20 मार्च को एक आवश्यक बैठक को बुलाया बैठक भी कीसी की निजी जगह में ग्राम प्रधान ने आरोपों लगाया की हम सभी का सबसे पहले मोबाइल बंद करा दिया गया अब शुरू हुआ कमिशन बढोत्तरी की बात , विकास कार्य कराने के नाम पर मोटा कमीशन बढाने को कह रहे अधिकारी
वही समाजसेवी श्याम नारायण त्रिपाठी ने बताया कि मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी चोपन और कोन,ने सभी प्रधानों और सचिवों को बुलाकर ,कमीशन बढ़ाने के लिए वार्ता हुई। सभी सचिव,प्रधानों की मोबाइल बंद करवा दिया गया था। जिससे प्रधानों में आक्रोश व्याप्त है। ये सभी बाते चर्चा का विषय है की विकास खंड कोन के सभागार में बैठक न करके एक प्राइवेट जगह पर मनरेगा अधिकारियों , द्वारा भ्रष्टाचार का बढ़वा दिया जा रहा है। इस बैठक में खंड विकास अधिकारी को शामिल न करना चिंतनीय है।वही समाजसेवी श्याम नारायण पाठक ने भडकते हुए कहा की क्षेत्र में विकास की बैठक नहीं सिर्फ कमिशन की चिंता है जब सबका कमीशन तय है, पंचायत के निर्माण कार्यों में ब्लाक का सीधा कमीशन है, जिसमे कुछ प्रतिशत खंड विकास अधिकारी को, कुछ प्रतिशत इंजीनियर और जेई को व कुछ प्रतिशत सहायक विकास अधिकारी पंचायत को जाता है। कुछ ही प्रतिशत प्रधान का कमीशन रहता है, जिसमे प्रधान और पंचायत सचिव का आधा-आधा हिस्सा होता है, निर्माण कार्य का लगभग बीस प्रतिशत कमीशन में और फिर ठेकदार को भी बीस से पचीस प्रतिशत की बचत होनी चाहिए इस तरह से निर्माण कार्य का फंड आधा कमिशन में और आधा निर्माण में खर्च होता है।’ आगे बताते हैं, “मनरेगा के पक्के कामों में बीडीओ बिना कमीशन लिए काम नहीं करता है, पंचायत सचिव एजेंट की तरह कई जगह काम करता है। कमीशन नहीं दिया तो काम पास ही नहीं होगा, हो गया तो बिल नहीं आएगा, थोड़ी राहत तो आनलाइन व्यवस्था होने के बाद से काफी हद तक लगाम लगी है, लेकिन अभी और काम करने की जरुरत है।’
मैं जिलाधिकारी सोनभद्र से मांग कर रहा हूँ की कम से कम इस गरीब क्षेत्र में ऐसा बैठक कर कमिशन की बात न करे और गंभीरता पूर्वक जांच करे कुछ फोटो भी है जब जरूरत होगा पेश करूँगा लेकिन इस संदर्भ में जांच अवश्य हो ताकि भविष्य में पूर्णवृत्ति ना हो!