सेवानिवृत होते होते पूर्व डीएफओ ने खूब जारी किए कटान व निकासी परमिट,यहीं खेल का आरोप
उपेंद्र कुमार तिवारी दुद्धी सोनभद्र
दुद्धी/ सोनभद्र|रेनुकूट वन प्रभाग के विभिन्न रेंजों में पूर्व डीएफओ ने सेवानिवृत होते होते कास्तकारों को खूब कटान परमिट जारी किए साथ ही इन्ही दो तीन माहों के बीच लकड़ी की निकासी भी दी जिसको लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिए हैं, पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभु सिंह कुशवाहा ने बात चीत में बताया कि इन दिन अखबारों की सुर्खिया बन रही जंगल मे कटान की खबरें कही ना कही काश्त की आड़ में बड़े खेल को इशारा करती है ,उन्होंने पीसीसीएफ का ध्यान आकृष्ट कर पूर्व के डीएफओ की भी भूमिका की जांच की मांग उठाई है कि सेवानिवृत के होने पूर्व दो -तीन माह के दौरान इतनी रफ्तार से काश्त की कटान की परमिट क्यों जारी की जारी हुए परमिट की पूरे डीएफओ कार्यकाल दौरान की तुलनात्मक अध्यन भी कर ली जाए| कहा कि इधर जिस रफ्तार से जंगल कट रहे है उसी का नतीजा है शिकारियों के जाल में फस कर दो तेंदुओ की वहीं एक ट्रक के चपेट में मौत हो गयी ,जब वन्य जीवों के घर को उजाड़ किया जाएगा तो वे कहा रहेंगे|देश के बेहतरीन जंगलों में से एक रेनुकूट वन प्रभाग के जंगल अपने दुर्दशा पर आंसू बहाने को मजबूर है और जंगलों के अवैध कटान से पर्यावरणीय संतुलन भी बिगड़ रहा है| उधर एक वनकर्मी ने पूर्व डीएफओ के द्वारा लगातार कटान परमिट व निकासी की परमिट जारी करने की बात कही और इसी आड़ में खैर व सागौन के बेशकीमती पेड़ जंगल से काटे गए|दुद्धी रेंजर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि यहां दुद्धी वन रेंज में धनौरा में दो लोगों की काश्त में खड़े 12-12 कुल 24 जामुन व साखू की कटान परमिट दी गयी और उसकी निकासी भी हो गयी वहीं एक डिपो के स्वामी को एक ट्रक खैर की निकासी परमिट जारी की गई ,दुद्धी वन रेंज से कुल 3 ट्रक लकड़ी बाहर भेजा गया | विंढमगंज रेंजर इमरान खान ने बताया कि धरतीडोलवा के एक किसान को उसके काश्त में 14 पेड़ खैर की कटान का परमिट पुराने वाले डीएफओ ने दिए थे पेड़ो की कटाई चल रही है अभी निकासी नही है|म्योरपुर रेंजर ने बताया इस्मैलुद्दीन शहजादा ने बताया कि नौडीहा में 6 माह पूर्व एक व्यक्ति की काश्त में 14 खैर के पेड़ की कटान परमिट दी गयी थी जिसकी कटान उपरान्त फरवरी 23 में निकासी हो गयी , कुंडाडीह में एक किसान को 4 पेड़ सागौन की कटान परमिट जारी की गई जिसकी निकासी हो गयी है , पतख़िरना में चिलबिल के 8 पेड़ व हल्दू के 4 पेड़ की कटान परमिट दी गयी थी जिसकी निकासी फरवरी में हो गयी है|