सगमा: 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक पंच कुंडीय श्री शिवशक्ति महायज्ञ का किया जाएगा आयोजन

सगमा: 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक पंच कुंडीय श्री शिवशक्ति महायज्ञ का किया जाएगा आयोजन


रामानन्द प्रजापति के रिपोर्ट

सगमा
सगमा प्रखण्ड मे स्थित भैया रूद्र प्रताप देव हाई स्कूल के प्रांगण में क्षेत्र की सुख, समृद्धि एवं विश्व कल्याण के लिए पंच कुंडीय श्री शिवशक्ति महायज्ञ का आयोजन आगामी 28 नवंबर से समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से किया जा रहा है। काशी जूना अखाड़ा से आए श्री सागरपुरी नागा बाबा व जलगांव आश्रम जबलपुर से श्री छोटे पूरी नागा बाबा के सानिध्य में 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक यज्ञाचार्य पंडित उमेश कुमार शास्त्री के द्वारा के द्वारा संपन्न कराया जाएगा। पंच कुंडीय श्री शिवशक्ति महायज्ञ में लोगों को कई आकर्षण देखने को मिलेंगे। घास एवं बांस बल्लियों की सहायता से यज्ञशाला का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस यज्ञशाला में यज्ञचार्य पंडित उमेश कुमार शास्त्री विधि-विधान व मंत्र उच्चारण के साथ यज्ञ हवन संपन्ना कराया जाएगा। यज्ञशाला के निर्माण में कोई बाहर के कारीगर नहीं बल्कि गांव के सहयोगियों के साथ अपनी देखरेख में कराया जा रहा है। साथ ही महंतो के लिए महायज्ञ परिसर में ही ठहरने के लिए घास-फूस से बनी कुटियाओं का निर्माण कराया जा रहा है। इसकी जानकारी देते हुए जलगांव आश्रम जबलपुर से श्री छोटेपूरी नागा बाबा ने बताया कि मंत्रों के उच्चारण से जीव जगत का आध्यात्मिक कल्याण होता है। शिव की कृपा से जीवन में सदैव सुख, शांति, समृद्धि एवं पुण्य लाभ प्राप्त होता है। यज्ञ के हवन कुंड में अग्नि के माध्यम से देवताओं को अपनी इच्छा एवं कामना बताई जाती है। कुंड में अग्नि के द्वारा देवता तक हवि पहुंचाने की प्रक्रिया को यज्ञ कहते हैं। हवि वह पदार्थ है जिसकी हवन के दौरान अग्नि में आहुति दी जाती है। इसके प्रभाव से आसपास नेगेटिविटी एनर्जी का प्रभाव दूर हो जाता है एवं वातावरण शुद्ध हो जाता है। उन्होंने बताया कि पंच कुंडीय श्री शिवशक्ति महायज्ञ में समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से क्षेत्र की सुख शांति, समृद्धि एवं विश्व कल्याण के लिए के लिए आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने ने भक्तों से पधारकर पुण्य लाभ अर्जित करने की अपील की। जबकि काशी जूना अखाड़ा से आए श्री सागरपुरी नागा बाबा ने बताया कि यज्ञ हमारी बहुत ही प्राचीन पहचान है। यज्ञ के करने से न केवल वहां का, बल्कि आसपास का वातावरण तक शुद्ध हो जाता है। उसमें बैठने वाले लोगों के विचार भी अच्छे होते हैं, इसलिए अपने घर में यज्ञ जरूर करें। उन्होंने कहा कि आज इंसान अपनी परम्पराओं को छोड़कर पैसे में सबकुछ ढूंढ रहा है, जोकि एकदम गलत है। पैसे से आप चीजें खरीद सकते हो लेकिन मन की शांति नहीं। मन को शांति परमात्मा के चरणों में ही मिलती है। भगवान के भजन के बगैर कोई चीज मुमकिन नहीं है। इंसान को जीवन में सुबह शाम भगवान का भजन करना चाहिए। इससे न केवल आत्मा स्वच्छ होती है, बल्कि इंसान के विचार भी बदल जाते है। उन्होंने कहा कि भक्ति में बहुत शक्ति होती है। अगर इंसान सच्चे मन से भक्ति करे तो जीवन में हर चीज को पा सकता है।
संतो ने बताया कि महायज्ञ में मानस माधुरी नैनी प्रयागराज से आई कथा वाचिका पंडिता समीक्षा पांडे के द्वारा कथावाचक किया जाएगा।

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