छठ पूजा को लेकर सन् क्लब सोसाइटी के सदस्यों द्वारा साफ सफाई जोरो पे

छठ पूजा को लेकर सन् क्लब सोसाइटी के सदस्यों द्वारा साफ सफाई जोरो पे

ओम प्रकाश रावत विंढमगंज सोनभद्र

विंढमगंज सोनभद्र सूर्य उपासना का पर्व छठ की तैयारियां विंढमगंज क्षेत्र में भी शुरू हो गई है। संतान प्राप्ति और परिवार की खुशहाल जीवन की कामना के लिए कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है। यह व्रत तीन दिनों तक चलता है। छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है, इसलिए इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है। छठ पूजा दीपावली के बाद छठे दिन की जाती है। छठ पर्व के लिए घाटों की साफ-सफाई और अन्य तैयारियों में विंढमगंज के सन् क्लब सोसाइटी के सदस्यों की सराहनीय भूमिका रहता है। छठ व्रत करने के लिए विंढमगंज में कई0 राज्यों के लोग यहां उपस्थित होते हैं जिसमें झारखंड छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश बिहार एवं अन्य जगहों के लोग भी यहां अधिक मात्रा में छठ व्रत करने के लिए पहुंचते हैं छठ व्रतियों को भगवान भास्कर को अ‌र्घ्य देने में कोई दिक्कत न हो क्लब के सदस्य इसकी कोशिश करते हैं। इसके लिए तैयारियां पहले से ही तेज कर दी गई हैं। सन् क्लब के अध्यक्ष उदय कुमार जायसवाल ने बताया कि सततवाहनी नदी के घाट की साफ-सफाई व संपर्क पथ को ठीक करने की कवायद प्रारंभ कर दी गई है। छठ महापर्व में किसी प्रकार की दिक्कत व्रतियों को नहीं हो इसके मद्देनजर तैयारी प्रारंभ कर दी गई है। वहीं पूर्व सन क्लब सोसाइटी के अध्यक्ष अमित केसरी ने बताया कि शासन प्रशासन से किसी प्रकार का सहयोग नहीं होता सफाई में शासन प्रशासन को भी सहयोग करना चाहिए लेकिन कोई सहयोग नहीं मिलता और कहा कि सड़क व नदी के छठ घाटों को दुरुस्त कराया जा रहा है। सबसे ज्यादा युवा लोग मेहनत करते हैं नदी में प्रवेश कर कचरो को साफ करते समय नदी के अंदर कांच, कांटे वाले लोहे नदी में रहने से चोटिल , जख्मी हो जाते है फिर भी जाबांज लडको की हौसला कम नहीं होता घाट पर व्रतियों को कपड़े बदलने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए जगह-जगह अस्थायी चेंजिग रूम बनाया जाएगा साथ ही उन्होंने बताया कि कई लिंक रोड गड्ढों में तब्दील हैं शासन प्रशासन अगर उसमें मिट्टी या अन्य चीजें से भरवा दी जाती तो व्रतियों को किसी प्रकार का कोई कठिनाई नहीं होता। त्योहार नहाय-खाय के साथ 28 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसके बाद 29 नवंबर को खरना होता है। 30नवंबर को सूर्य को संध्या अ‌र्घ्य दिया जाएगा और 31 नवंबर की सुबह भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा।

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