यह शरीर किराए का ,निश्चित समय के लिए स्वासों की पूंजी मिली है

यह शरीर किराए का ,निश्चित समय के लिए स्वासों की पूंजी मिली है

दुद्धी/सोनभद्र। कलयुग में कलयुग के जाने और कलयुग में सतयुग आने का बिगुल बजाने वाले, देश के कोने-कोने में जयगुरुदेव नाम प्रभु का प्रचार करने वाले परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के उत्तराधिकारी एवं जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज अपने 33 दिवसीय शाकाहार-सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक-वैचारिक जनजागरण यात्रा के साथ इस समय सोनभद्र जिले के ब्लाकों में दो-दो जगह सत्संग कार्यक्रम कर रहे हैं। आज सायंकाल अपने चौदहवें पड़ाव पर जब खेल मैदान ग्राम डूमरडीहा पधारे तो स्थानीय भाई-बहनों ने गाजे-बाजे के साथ काफिले का स्वागत किया। आज यहां पर सत्संग सभा का आयोजन हुआ। सर्वप्रथम पूज्य महाराज जी ने मंच पर अपने गुरु महाराज के चित्र पर माला अर्पित करके दया-कृपा की याचना की तत्पश्चात् अवधू सिंह यादव अध्यक्ष सोनभद्र, विजय शंकर यादव तह. अध्यक्ष, राम नरेश यादव ब्लाक अध्यक्ष, काली चरन यादव, सुभाष कुशवाहा प्रधान डूमरडिहा,सोमनाथ प्रधान कटौंधी, जगनारायण गौड़, त्रिभुवन यादव प्रधान गुलालझरिया, सहयोगी संगत बाराबंकी के रमेश, सतीश, बिहारी लाल लोकतन्त्र सेनानी ने पुष्पहार भेंट कर महाराज जी का स्वागत किया।
अपने सत्संग सम्बोधन में संस्थाध्यक्ष ने कहा यह सत्संग है। इसमें किसी व्यक्ति-धर्म या मजहब की निन्दा, आलोचना नहीं की जाती। यहां तो केवल प्रभु के भजन व भक्ति के प्रति शौक पैदा किया जाता है। ‘‘ मिली नर देह यह तुमको, बनाओ काज कुछ अपना। पचो मत आय यहि जग में, जानियों रैन का सुपना।’’ पंक्ति को उद्धृत करते हुये पंकज जी ने कहा कि पिछले जन्मों के पुण्य और महात्माओं की दया कृपा से आप को यह मनुष्य शरीर मिल गया है। आप सब खेती, दुकान, दफ्तर का काम करने के बाद, बाल-बच्चों को प्यार, दुलार करने के बाद, चौबीस घण्टे मंे सुबह-शाम एक-एक घण्टे बचाकर भगवान का भजन भी कर लिया करें। जिसके लिये यह मनुष्य शरीर मिला है। लेकिन हम आप इस जगत में आकर मां के गर्भ में किया गया वादा ‘‘मो पर कृपा करहु एहि भांती, सब तजि भजन करऊ दिन राती’’ को भूल गये और दुनियां के इस भूल भुलैया में, खाने-पीने व ऐशो इशरत में लग गये और इसी जगत को अपना मान बैठे। हमको यह याद ही नहीं रहा कि हमें भी दुनियां छोड़कर जाना है। तब महात्मा हमें याद दिलाते हैं कि बच्चा! यह शरीर एक किराये का मकान है। निश्चित समय के लिये स्वासों की पूंजी मिली है। समय पूरा होते ही यमदूत आयेंगे और शब्द की डोरी को तोड़ देंगे, हमारा शरीर धड़ाम से गिरेगा। अब क्या है देखते-देखते परिवार के लोग नाते-रिश्तेदार सब इक्ट्ठे हो जायेंगे और लेजाकर शमशासन भूमि में या जला देंगे या फिर कब्रिस्तान में ले जाकर दफना देंगे। आपको 24 घण्टे भी कोई सगा सम्बन्धी रखने को तैयार नहीं होगा अब जीवात्मा का हाल सुनिये यमदूत के सिपाही इसे लेजाकर धर्म राज के दरबार में पेश कर देंगे और पलक झपकते आपके अच्छे-बुरे कमौं का हिसाब सुना दिया जायेगा कि ले जाओ इसको फला नर्क में डाल दो। सहजो बाई ने जब साधना करके ऊपर के दृश्य को देखा तो अपनी किताबों में लिख दिया ‘‘लौह के खम्भ तपत के मांही जहाँ जीव को ले चिपटाही।’’ महात्मा जब साधना करके ऊपरी मण्डलों का द्रश्य देखते हैं तो द्रवित होते हैं और जीवों को जगाने के लिये यत्र-तत्र विचरण भी करते हैं। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने तो देश के कोने-कोने में जाकर यह मानवता का तथा आत्म जागरण का सन्देश 116 वर्ष की उम्र तक दिया था। हमारा भी यही प्रयास है कि उनके बताये दिखाये रास्ते पर चलकर जीव जागरण करते रहें। पूज्य पंकज जी महाराज ने कलयुग की सरल साधना (नाम योग) का भेद देकर सुमिरन, ध्यान, भजन करने की विधि समझाया और बिना नागा रोज दर रोज करने की अपील भी किया।
पूज्य पंकज जी महाराज ने यह भी अपील किया कि जब आप पशुओं के बेमेल खून को अपने खून में मिलाओगे तो तरह-तरह की भयंकर बीमारी का कारण बन जायेगा जिससे परिवार समाज व देश भी प्रभावित होगा। इसलिये हमारी आप सबसे विनती है कि आप सब लोग शाकाहारी बने। इस मनुष्य शरीर को जो हरि मन्दिर है इसको मांस का लोथड़ा डालकर अपवित्र न करें नहीं तो प्रकृति सजा दे देगी और कोई भी नशा न करें जिससे आंखों से मां, बहन, बेटी की पहचान खत्म हो जाय। आप शराब जैसे नशों का परित्याग करें जिससे एक अच्छे समाज का निर्माण हो सके।
उन्होंने आगामी 17 से 21 मई तक जयगुरुदेव आश्रम मथुरा में होने वाले अपने गुरु महाराज परम संत बाबा जयगुरुदेव जी के ग्यारहवें पावन भण्डारा पर्व पर पधारने का निमन्त्रण दिया तथा बताया कि मथुरा में वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां बुराईयां चढ़ाने पर मनोकामना की पूर्ति होती है। जिला-इटावा में तह. भरथना के गांव खितौरा धाम में बाबा जी की पावन जन्मभूमि है यहां पर भी भव्य वरदानी मन्दिर बना है। यहां सभी सम्प्रदायों के लोग आते हैं।
इस अवसर पर उमेश कुमार यादव, देवचन्द यादव बी.डी.सी. , सरजू प्रसाद यादव प्रधान टेढ़ा, डा. जय कुमार, अजय कुमार, डा. सन्तोष, नन्दू प्रसाद, सहयोगी संगत बाराबंकी के अम्बिका, पिण्टू भाई, डा. सहदेव दरियाबाद के साथ महामन्त्री बाबूराम यादव, आश्रम मथुरा के प्रबन्धक व उत्तर प्रदेश संगत के प्रा. अध्यक्ष सन्तराम चौधरी, बिहार प्रान्त के अध्यक्ष मृत्युन्जय झा, म.प्र. के प्रान्तीय अध्यक्ष नारेन्द्र सिंह बघेल, उपदेशक डा. कुंवर बृजेश सिंह, अनूप कुमार सिंह ‘बबलू’, नानक जी, शिवराज सिंह आदि उपस्थित रहे। शांति और सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
सत्संग के बाद धर्म यात्रा अपने अगले पड़ाव ग्राम मचबंधवा ब्लाक बभनी तह. दुद्धी के लिये. प्रस्थान कर गई, जहां आज दिन के 11.30 बजे से सत्संग आयोजित है।

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